आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाले एक अंतर मंत्रालयी समूह ने हाल ही में देश में निजी आभासी मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) को प्रतिबंधित करने का सुझाव दिया है.
अंतर मंत्रालयी समूह ने देश में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि हेतु जुर्माना लगाने की भी सिफारिश की है.
अंतर मंत्रालयी समूह ने इसके साथ ही एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पेश करने का भी सुझाव दिया है. समूह ने कहा है कि इस डिजिटल मुद्रा का भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उचित तरीके से नियमन भी किया जाना चाहिए.
अंतर मंत्रालयी समूह ने इसके साथ ही एक आधिकारिक डिजिटल मुद्रा पेश करने का भी सुझाव दिया है. समूह ने कहा है कि इस डिजिटल मुद्रा का भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा उचित तरीके से नियमन भी किया जाना चाहिए.
यह कानून बनने पर क्रिप्टोकरेंसी में किसी भी तरीके का लेन-देन या निवेश अपराध होगा और दोषी व्यक्ति को दस साल के कारावास की सजा और 25 करोड़ रुपये तक का जुर्माना देना होगा.
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