विश्व भर में 01 मई 2019 को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया गया. भारत ही नहीं विश्व के लगभग 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय छुट्टी होती है. इसे 'मई दिवस' के नाम से भी जाना जाता है. यह अंतरराष्ट्रीय श्रम संघों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है
यह दिवस संगठित अथवा असंगठित क्षेत्रों के कामगारों और मजदूरों द्वारा मनाया जाता है. मजदूर वर्ग इस दिन पर बड़ी बड़ी रैलीयों का आयोजन करते हैं. मजदूर दिवस पर टीवी, अखबार, और रेडियो जैसे प्रसार माध्यम द्वारा मजदूर जागृति प्रोग्राम प्रसारित किये जाते हैं तथा बड़े-बड़े राजनीतिज्ञ इस दिवस पर मजदूर वर्ग कल्याण के लिये कई महत्वपूर्ण घोषणायेँ भी करते हैं.
प्रभावशाली मजदूरों का होना आवश्यक:
आर्थिक प्रगति के लिए प्रभावशाली मजदूरों का होना आवश्यक है. मई दिवस मजदूरों के लाभ के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यों की ओर इशारा करता है. मजदूरों की उपलब्धियों को मनाने के लिये पूरे विश्व भर में एक आधिकारिक अवकाश के रुप में वार्षिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस मनाया जाता है.
मजदूर दिवस 01 मई को क्यों मनाया जाता है?
अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस मनाने की शुरूआत 01 मई 1886 से मानी जाती है जब अमरीका की मज़दूर यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न रखे जाने के लिए हड़ताल की थी. भारत में लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 01 मई 1923 को मद्रास में मजदूर दिवस की शुरुआत की थी.
हालांकि उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था.मजदूरों के लिए 19वीं सदी के शुरुआत में आठ घंटे काम और बेहतर सुविधाओं की बहाली की गयी. इस तिथि का चयन समाजवादी और साम्यवादी राजनीतिक दलों के संगठन सेकंड इंटरनेशनल द्वारा किया गया. उस समय 04 मई 1886 के दिन शिकागो में हेयमार्किट अफेयर मनाने के लिए यह दिन निर्धारित किया गया था
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