राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने प्रत्येक राज्य में स्थानीय स्तर पर तीन महीने के भीतर जैव विविधता संबंधी समितियां गठित करने के बारे में पर्यावरण और वन मंत्रालय को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. NGT के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने जैव विविधता समिति अभी तक गठित नहीं करने वाले राज्यों से कहा है कि देरी के कारणों के ब्यौरे के साथ वे शपथ पत्र दाखिल करें |
एनजीटी की पीठ ने कहा है कि आगे के चरणों को तीन महीने के भीतर पूरा करने से सम्बंधित जानकारी ई-मेल से पर्यावरण और वन मंत्रालय (MOEF) द्वारा भेजी जानी चाहिए. इस दौरान विषय से संबंधित प्रभारी अगली तारीख पर अनुपालन रिपोर्ट के साथ उपस्थित रह सकता है |
सुनवाई के दौरान, न्यायाधिकरण द्वारा गठित एक निगरानी समिति ने बताया कि पंचायतों द्वारा 2,52,709 जैव विविधता प्रबंधन समितियों का गठन किया जाना था लेकिन अभी तक कुल 1,44,371 समितियों का ही गठन किया गया है, जो एक लाख से अधिक का अंतर दिखाती है |
पीपल बायोडायवर्सिटी रजिस्टर्स के अनुसार अबी तक 6,834 दस्तावेज तैयार किये गये हैं जिसमें अभी 1,814 प्रगति पर हैं. 08 अगस्त 2018 को एनजीटी द्वारा एक निगरानी समिति बनाई गई थी जिसमें वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और राष्ट्रीय जैव विविधिता प्राधिकरण के अधिकारियों को शामिल किया गया. इस समिति से इस संबंध में जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया.|
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