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Supreme Court
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सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल 2019 को गुजरात सरकार को बिलकिस बानो के लिए 50 लाख रुपये का मुआवजा, सरकारी नौकरी और आवास देने का निर्देश दिया है. बिलकिस बानो साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुईं थी.
गुजरात सरकार ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को सूचित किया कि इस मामले में चूक करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. उनके पेंशन लाभ रोक दिए गए हैं और बॉम्बे उच्च न्यायालय ने जिस आइपीएस अधिकारी को दोषी माना है, उसे दो रैंक डिमोट किया गया है.
गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो को मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये देने का प्रस्ताव दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका में राज्य सरकार से अनुकरणीय मुआवजे की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना की बेंच ने मुआवजा राशि 10 गुना बढ़ा दिया.
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