- दांडिक विधि (संशोधन) विधेयक-2018 लोक सभा व राज्य सभा में क्रमशः 30 जुलाई, 2018 व 6 अगस्त 2018 को पारित हुआ।
- यह विधेयक 21 अप्रैल, 2018 को जारी आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश का स्थान लेगा।
- जम्मू कश्मीर राज्य के कठुवा में एक बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या तथा उत्तर प्रदेश राज्य के उन्नाव जिले में एक महिला के साथ विधायक द्वारा बलात्कार की घटना के बाद संबंधित अध्यादेश लागू किया गया।
- प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉर्म सेक्सुअल ऑफेस (पॉक्सो एक्ट) में बदलाव के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषियों को मौत की सजा का प्रावधान होगा।
- 16 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के दोषियों को न्यूनतम 10 वर्ष से बढ़ाकर 20 वर्ष किया गया जो उम्रकैद तक विस्तारित हो सकती है।
- महिलाओं से बलात्कार के दोषियों को न्यूनतम 7 वर्ष के सश्रम कारावास को बढ़ाकर 10 वर्ष कर दिया गया जो उम्रकैद तक विस्तारित हो सकती है।
- इस विधेयक के जरिए भारतीय दंड संहिता-1860, भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 अपराध प्रक्रिया संहिता, 1973 और बाल यौन अपराध सुरक्षा कानून-2012 में संशोधन किया गया है।
- राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा।
प्रश्नोत्तर:
प्रश्न-दांडित विधि (संशोधन) विधेयक, 2018 के संदर्भ में विचार कीजिए-
(1) यह विधेयक 21 अप्रैल, 2018 को जारी आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश का स्थान लेगा।
(2) यह लोक सभा में 31 जुलाई, 2018 को पारित किया गया।
(3) यह राज्यसभा में 6 अगस्त, 2018 को पारित किया गया।
(4) इस विधेयक के जरिए भारतीय दंड संहिता 1860, भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872, अपराधिक दंड प्रक्रिया
संहिता-1973 और यौन अपराधों से बाल सुरक्षा कानून (पाक्सो)-2012 में संशोधन किया गया है।
सही कूट का चयन करें-
(a) (1),(2),(3)
(b) (2),(3),(4)
(c) (1),(3),(4)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(c)
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