भारत, अफगानिस्तान और ईरान ने 23 अक्टूबर 2018 को चाबहार बंदरगाह परियोजना पर पहली त्रिपक्षीय
बैठक की. इसमें परियोजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई. इस बैठक की महत्ता इस वजह से अधिक है
क्योंकि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण यह बंदरगाह ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में आ रहा है.
भारत, अफगानिस्तान और ईरान ने मई 2016 में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे जिसके तहत चाबहार
बंदरगाह के इस्तेमाल से तीनों देशों के बीच पारगमन और परिवहन कॉरीडोर बनाने की बात कही गई थी.
50 करोड़ डॉलर का निवेश:
भारत चाबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए 50 करोड़ डॉलर का निवेश कर रहा है, जिससे देश को अफगानिस्तानतक सीधे पहुंचने में मदद मिलेगी. अभी अफगानिस्तान जाने के लिए सड़क मार्ग से रास्ता पाकिस्तान होकर गुजरता है.
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