शून्य भेदभाव दिवस: 1 मार्च


Zero Discrimination Day: शून्य भेदभाव दिवस हर साल 1 मार्च को विश्व स्तर पर मनाया जाता है। 

इस साल यूएनएड्स उन सभी भेदभावों को चुनौती दे रहा है जिन्हें महिलाओं व लड़कियों को सहना पडता है, साथ ही उनके लिए लैंगिक समानता को बढ़ावा देने व सशक्तिकरण की दिशा में प्रयासों के तहत जागरूकता के प्रसार और संसाधन जुटाने पर ज़ोर दिया जाएगा। 

यह दिन महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने, भेदभावपूर्ण कानूनों को हटाने और निष्पक्ष न्याय और समानता सुनिश्चित करने के लिए भी मनाया जाता है।

इस वर्ष के शून्य भेदभाव दिवस की थीम: ZERO DISCRIMINATION AGAINST WOMEN AND GIRLS

तितली को शून्य भेदभाव दिवस का प्रतीक चुना गया है, जिसका उपयोग लोगों द्वारा भेदभाव को समाप्त करने और सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में काम करने के प्रयासों के रूप में अपनी कहानियों और तस्वीरों को साझा करने के लिए किया जाता है।

शून्य भेदभाव दिवस सभी के अधिकारों को प्रोत्साहित करने और उन्हें चिन्हित करने के लिए मनाया जाता है,
चाहे फिर वो उम्र, लिंग, सेक्सुअलिटी, राष्ट्रीयता, जातीयता, रंग, आदि की ही क्यों न हो। इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य बगैर किसी विकल्प के महिलाओं व लड़कियों को सम्मान के साथ जीवन जीने का अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार के क्षेत्र में बराबरी के अवसर के लिए आवाज उठाना है। 

शून्य भेदभाव दिवस की शुरुआत 1 मार्च 2014 को UNAIDS के कार्यकारी निदेशक द्वारा की गई, इसके मनाएं जाने की घोषणा UNAIDS द्वारा दिसंबर 2013 में विश्व एड्स दिवस पर अपने शून्य भेदभाव अभियान कार्यक्रम के बाद की गई थी।

एचआईवी / एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम (यूएनएड्स) मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
यूएनएड्स के कार्यकारी निदेशक: विनी बयानीमा
यूएनएड्स की स्थापना: 26 जुलाई 1994
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