भारतीय वायु सेना के एएन -32 विमान ने जैव-जेट ईंधन के 10% मिश्रण से लेह हवाई अड्डे से उड़ान भरी और सफलतापूर्वक लेंडिंग की।
यह पहली मौका था जब किसी विमान के दोनों इंजन जैव-जेट ईंधन से कार्य कर रहे थे । जैव-ईंधन "वृक्षों द्वारा प्राप्त तेल (Tree-Borne oils)" की सहायता से तैयार किया जाएगा। ईधन के लिए कच्चे माल को छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों से उगाया और प्राप्त किया जाता है। यह कच्चे तेल के आयात पर भारत की निर्भरता को कम करने में मदद करेगा और साथ कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मददगार साबित होगा।
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