
यह देश का पहला एनिमल वार मेमोरियल होगा। इस स्मारक का निर्माण मेरठ के रिमाउंट एंड वेटरनरी कॉर्प्स (आरवीसी) सेंटर एंड कॉलेज में किया जाएगा, जहां कुत्तों, खच्चरों और घोड़ों की जांबाज कैटल (नस्ल) को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस स्मारक को स्थापित करने का उद्देश्य युद्ध में जानवरों की साहस और वीरता के प्रति समर्पण और सैनिकों के साथ सैन्य सेवा में उत्कृष्ट योगदान को चिन्हित करना है।
इस स्मारक को स्थापित करने का उद्देश्य युद्ध में जानवरों की साहस और वीरता के प्रति समर्पण और सैनिकों के साथ सैन्य सेवा में उत्कृष्ट योगदान को चिन्हित करना है।
स्मारक में पट्टी पर 350 से अधिक हैंडलर, 300 कुत्तों और कुछ घोड़ों और खच्चरों के नाम सर्विस नंबर के अंकित किए जाएंगे। स्मारक दिल्ली में बने राष्ट्रीय समर स्मारक का छोटा प्रारूप होगा।
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