इसे 1.79 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है और इसमें प्लास्टिक और ई-कचरे सहित 500 किलोग्राम कचर प्रतिदिन निपटान की क्षमता है।
कचरे से ऊर्जा उत्पादन का यह संयंत्र पेटेंटकृत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करता जिसे पॉलीक्रैक कहा जाता है, जो एक ऐसी प्रक्रिया है जो विभिन्न तरह के कचरे को हाइड्रोकार्बन तरल ईंधन, गैस, कार्बन और पानी में बदलने वाली दुनिया की पहली पेटेंटेड विषम उत्प्रेरक प्रक्रिया है।
कचरे से ऊर्जा उत्पादन का यह संयंत्र पेटेंटकृत प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करता जिसे पॉलीक्रैक कहा जाता है, जो एक ऐसी प्रक्रिया है जो विभिन्न तरह के कचरे को हाइड्रोकार्बन तरल ईंधन, गैस, कार्बन और पानी में बदलने वाली दुनिया की पहली पेटेंटेड विषम उत्प्रेरक प्रक्रिया है।
यह प्रक्रिया लाइट डीजल तेल के रूप में ऊर्जा उत्पादन करेगा जिसका इस्तेमाल भट्टियां जलाने में किया जाता है।
रेल मंत्री: पीयूष गोयल.
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