कारगिल युद्ध के 20 साल

Kargil war

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) कारगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने का जश्न मना रही है. भारतीय वायुसेना ने 24 जून 2019 को ग्वालियर हवाई अड्डे को एक युद्ध थियेटर में तब्दील कर दिया है.

इस दौरान जम्मू और कश्मीर के द्रास-कारगिल क्षेत्र में टाइगर हिल हमले का एक प्रतिकात्मक चित्रण प्रस्तुत किया गया. इसमें साल 1999 में हुए अभियान की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का नाटकीय रूपांतरण पेश किया गया है. इस आयोजन के मुख्य अतिथि एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ थे.

साल 1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी घुसपैठियों ने कब्जा जमा लिया था. जिसके बाद 1999 में 26 जुलाई के दिन ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल की जंग जीत ली थी. भारतीय सेना ने पाकिस्तान को खदेड़कर कारगिल की चोटियों पर जीत का तिरंगा फहराया था. 

कारगिल युद्ध, जिसे ऑपरेशन विजय के नाम से भी जाना जाता है. करगिल का यु्द्ध 3 मई से 26 जुलाई तक चला था. जिसके बाद हर साल 26 जुलाई को देशभर में भारतीय सेना के सम्मान में 'विजय दिवस' मनाया जाता है.
लगभग 3 महीने तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना के करीब 527 सैनिकों और अफसरों ने वीरगति पाई. कारगिल युद्ध में कुल 4 परमवीर चक्र मिले थे और उनमें से दो एक ही बटालियन 13 वीं जम्मू कश्मीर राइफल्स को मिले थे. यह पहली बार था जब भारतीय लड़ाकू विमानों ने कारगिल के टाइगर हिल पर जमे पाक कैनिकों पर लेजर गाइडेड बमों से हमला किया था.

भारतीय वायुसेना ने युद्ध के 20 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में हवाई अड्डे पर कई गतिविधियों की योजना बनाई है और टाइगर हिल हमले का प्रतीकात्मक ‘रूपांतरण’ उनमें से एक है.

हवाई अड्डे पर स्थित प्रदर्शनी में पांच मिराज 2000, दो मिग 21 और एक सुखोई 30 एमकेआइ तैनात किया गया है. 2000 मिराज में से एक ने स्पाइस बम वाहक को दिखाया गया. हाल ही में बम का इस्तेमाल बालाकोट हवाई हमले में किया गया था.

मुख्य कार्यक्रम
करगिल युद्ध के 20 साल पूरे होने पर मुख्य कार्यक्रम 25 जुलाई से 27 जुलाई तक होंगे. उनमें से एक 27 जुलाई को सुबह दिल्ली में एक स्मरणोत्सव समारोह होगा, जबकि एक अन्य कार्यक्रम शाम को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा.
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