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डीआरडीओ ने इससे पहले 24 मई 2019 को राजस्थान के पोखरण में एक सुखोई लड़ाकू विमान से 500 किलोग्राम कटैगरी के एक गाइडेड बम छोड़ने का सफल परीक्षण किया था. यह बम देश में ही विकसित किया गया. गाइडेड बम ने सफलतापूर्वक रेंज हासिल करते हुए लक्ष्य पर काफी सटीक निशाना लगाया.
डीआरडीओ ने राजस्थान के पोखरण परीक्षण रेंज से एसयू-30 एमकेआई विमान से 500 किलोग्राम कटैगरी के एक इंनर्शियल गाइडेड बम का सफल उड़ान परीक्षण किया. बम छोड़े जाने के परीक्षण के दौरान मिशन के सभी उद्देश्य पूरे हो गए. विभिन्न युद्धक हथियारों को ले जाने में यह प्रणाली सक्षम है.
गाइडेड बम का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब दो दिन पहले ही भारतीय वायुसेना ने अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में एक सुखोई विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के हवाई संस्करण का सफल परीक्षण किया.
भारतीय वायुसेना ने इससे पहले एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के वायु से सतह पर मार करने वाले संस्करण का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया था. हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है.
भारतीय वायुसेना ने इससे पहले एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के वायु से सतह पर मार करने वाले संस्करण का सफलतापूर्वक प्रायोगिक परीक्षण किया था. हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी मिसाइल की मारक क्षमता 300 किलोमीटर है.
इस मारक क्षमता से भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि के वेग से लगभग तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदेगी.
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