वैज्ञानिकों की एक टीम ने पश्चिमी प्रशांत महासागर में लगभग 11 हज़ार मीटर की गहराई में एक ऐसे अनोखे बैक्टीरिया की खोज की है, जो तैलीय पदार्थों को अपना भोजन बनाता है |
चीन की ओशियन यूनिवर्सिटी की टीम इस बैक्टीरिया की खोज के लिये काम कर रही थी. ये हाइड्रोकार्बन बैक्टीरिया केवल हाइड्रोजन और कार्बन परमाणुओं से बने होते हैं. इस प्रकार के बैक्टीरिया प्रमुख रूप से तेल के समान यौगिकों को खाते हैं |
इसे ईंधन के लिये उपयोग करते हैं. इसी तरह के बैक्टीरिया मेक्सिको की खाड़ी में तेल रिसाव जैसी प्राकृतिक आपदाओं में तेल रिसाव को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं |
EmoticonEmoticon