"चांद पर मौजूद पानी को उल्कापिंडों ने नुकसान पहुंचाया"! |
नासा और अमेरिका के जॉन्स होपकिंस यूनिवर्सिटी अप्लायड फिजिक्स लेबोरेट्री के शोधकर्ताओं को नासा के लूनर एटमॉसफेयर एंड डस्ट एनवायरनमेंट एक्सप्लोरर (एलएडीईई) द्वारा एकत्रित आंकड़े से ऐसी कई घटनाओं का पता चला. एलएडीईई एक रोबोटिक अभियान था. इसने चंद्रमा की कक्षा में परिक्रमा करते हुए चंद्रमा के विरल वायुमंडल की संरचना तथा चंद्रमा के आसमान में धूल के प्रसार के बारे में विस्तृत जानकारी जुटायी. यह अध्ययन ‘नेचर जियोसाइंसेज’ में प्रकाशित हुआ है |
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