बाल विवाह मामलों में त्रिपुरा दूसरे स्थान पर: रिपोर्ट !



                           

ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये एक अध्ययन के अनुसार भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में से त्रिपुरा बाल विवाह के मामलों में देश में दूसरे स्थान पर है. जिसमे 15 से 19 वर्ष की लड़कियों की शादी कर दी जाती हे |

 देश के 100 जिलों में से त्रिपुरा के 4 जिले शामिल हैं, जहां बाल विवाह अत्यधिक प्रचलित में है , त्रिपुरा के धलाई जिले में बाल विवाह की दर 24.7 प्रतिशत है, जो राज्य में सबसे अधिक है |

किशोरावस्था में मां बनने वाली लड़कियों से पैदा होने वाले बच्चों की संख्या 52 प्रतिशत हे जिसमे विवाहित किशोर लड़कियों ने कम से कम एक बच्चे को जन्म दिया है |

इनमें 5.5 प्रतिशत लड़कियों ने कम से कम 2 बच्चों को जन्म दिया ,और एक प्रतिशत में 2 से अधिक बच्चे थे |

नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-4 (2015-16) के अनुसार, देश में बाल विवाद की औसत दर 11.9% है,जिसमे हिमाचल प्रदेश और मणिपुर में आंकड़ों में कुछ वृद्धि दर्ज की गई है एनएफएचएस 3 (2005-06) के आंकड़ों से एनएफएचएस-4 (2015-16) के आंकड़ों जिसमे उत्तर प्रदेश के आंकड़ों में काफी सुधार हुआ है तथा उत्तर प्रदेश में 29 फीसदी से दर कम होकर सिर्फ 6.4 फीसदी रह गई हे, पश्चिम बंगाल में भी सुधार हुआ है, लेकिन अपेक्षाकृत कम है. बंगाल में 34 फीसदी से यह दर कम होकर 25.6 फीसदी रह गई है |
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