जापानी स्पेस एजेंसी JAXA के अन्तरिक्ष मिशन हायाबुसा-2 ने हाल ही में एस्टरॉयड (क्षुद्रग्रह) रायगु पर विस्फोटक गिराया है. विस्फोटक गिराने का उद्देश्य एस्टरॉयड पर क्रेटर का निर्माण करना है तथा मलबे को एकत्रित करके पृथ्वी के निर्माण के रहस्यों का पता लगाना है जापानी अंतरिक्ष एजेंसी ने जानकारी जारी की कि क्रेटर मिशन हायाबुसा-2 के लिए सबसे जोखिम भरा था, क्योंकि इसे विस्फोट के बाद तुरंत दूर जाना था, ताकि वह विस्फोट से उड़ने वाले मलबे की चपेट में न आ सके |
मुख्य बिंदु
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी JAXA ने कहा कि हायाबुसा-2 ने क्षुद्रग्रह पर तांबे से बना छोटे आकार का “कैरी-ऑन इफ़ेक्टर" गिराया |
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी JAXA ने कहा कि हायाबुसा-2 ने क्षुद्रग्रह पर तांबे से बना छोटे आकार का “कैरी-ऑन इफ़ेक्टर" गिराया |
अंतरिक्ष यान सुरक्षित रूप से निकल गया था तथा उसने सुचारु कार्य जारी रखा. JAXA यह जांचने के लिए Data analysis कर रहा है कि प्रभाव कितना तीव्र था |
कॉपर विस्फोटक एक Base Boll के आकार का था जिसका वजन 2 किलोग्राम (4.4 पाउंड) माना जा रहा है .
इसके तल पर लगी एक तांबे की प्लेट के टकराने के दौरान प्रति सेकंड 2 किलोमीटर (1.2 मील) की रफ़्तार से क्षुद्रग्रह से टकराना था |
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि क्षुद्रग्रह से प्राप्त होने वाले नमूने हमारे ग्रह के इतिहास को निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे |
इससे पूर्व नासा ने भी वर्ष 2005 में ऐसा ही प्रयास किया था लेकिन वह नमूने एकत्रित करने में सफल नहीं हो पाया |
कॉपर विस्फोटक एक Base Boll के आकार का था जिसका वजन 2 किलोग्राम (4.4 पाउंड) माना जा रहा है .
इसके तल पर लगी एक तांबे की प्लेट के टकराने के दौरान प्रति सेकंड 2 किलोमीटर (1.2 मील) की रफ़्तार से क्षुद्रग्रह से टकराना था |
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि क्षुद्रग्रह से प्राप्त होने वाले नमूने हमारे ग्रह के इतिहास को निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण होंगे |
इससे पूर्व नासा ने भी वर्ष 2005 में ऐसा ही प्रयास किया था लेकिन वह नमूने एकत्रित करने में सफल नहीं हो पाया |
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