5,950 मेगावाट की परियोजनाओं के लिए हाइड्रो नीति लागू की जाएगी

वित्तीय बाधाओं और अन्य कारणों के कारण 5,950 मेगावाट क्षमता की 16 जलविद्युत परियोजनाएं ठप हैं। इससे सरकार को जल्द से जल्द पनबिजली नीति लाने का संकेत मिल सकता है। देश में 12GW उत्पादन क्षमता की कुल 37 जल विद्युत परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने अनुमान लगाया कि इन रुकी हुई जलविद्युत परियोजनाओं से ऊर्जा उत्पादन का सालाना नुकसान 18,761 मिलियन यूनिट है। ऊर्जा मंत्रालय ने ऊर्जा पर संसदीय स्थायी समिति को एक जल नीति बनाने की जानकारी दी है। नीति जलविद्युत क्षेत्र को भी किनारे कर देगी, जो अन्य स्वच्छ स्रोतों से और थर्मल पावर से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहा है।
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