प्रत्यक्ष कर के आंकड़े


विवरण:

 22 अक्टूबर, 2018 को वंफ्रेद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने प्रत्यक्ष कर के आंकड़े जारी किए।
 जिसके अनुसार पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की संख्या में 80 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
 पिछले तीन वर्षों से प्रत्यक्ष कर – जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) अनुपात में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है और वित्त वर्ष 2017-18 में आंकलित 5.98 प्रतिशत का प्रत्यक्ष कर – जीडीपी अनुपात पिछले 10 वर्षों में सर्वश्रेष्ठ रहा है।
 पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान दाखिल किए गए आय कर रिटर्न की संख्या वित्त वर्ष 2013-14 (आधार वर्ष) के 3.79 करोड़ से बढ़कर वित्त वर्ष 2017-18 में 6.85 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई है।
 इस अवधि के दौरान आयकर रिटर्न भरने वाले लोगों की संख्या भी लगभग 65 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2017-18 में 5.44 करोड़ के आंकड़े को स्पर्श कर गई।
 वित्त वर्ष 2013-14 में कुल मिलाकर 3.31 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किए थे।
 वित्त वर्ष 2013-14 (आधार वर्ष) से जुड़े कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के दौरान आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों ने कुल मिलाकर 26.92 लाख करोड़ रुपये की सकल आय घोषित की थी।
 जो कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 67 प्रतिशत बढ़कर 44.88 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई है।
 कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के दौरान 88,649 करदाताओं ने 1 करोड़ रुपये से भी अधिक की आमदनी दर्शाई थी। यह आंकड़ा कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में लगभग 60 प्रतिशत बढ़कर 1,40,139 के स्तर पर पहुंच गया है।
 इसी प्रकार 1 करोड़ रुपये से भी अधिक की आमदनी घोषित करने वाले व्यक्तिगत आयकरदाताओं की संख्या भी इस दौरान 48,416 से 68 प्रतिशत बढ़कर 81,344 के आंकड़े को स्पर्श कर गई है।
 कॉर्पोरेट करदाताओं द्वारा अदा किया गया औसत टैक्स भी कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के 32.28 लाख रुपये से 55 प्रतिशत बढ़कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 49.95 लाख रुपये हो गया।
 इसी तरह व्यक्तिगत करदाताओं द्वारा अदा किया गया औसत टैक्स भी कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के 46,377 रुपये से 26 प्रतिशत बढ़कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 58,576 रुपये हो गया।
 पिछले तीन वर्षों की इस अवधि के दौरान वेतनभोगी करदाताओं की संख्या कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के 1.70 करोड़ से 37 प्रतिशत बढ़कर कर निर्धारण वर्ष 2017-18 में 2.33 करोड़ के स्तर पर पहुंच गई।
 वेतन भोगी करदाताओं द्वारा घोषित की गई औसत आमदनी भी इस दौरान 5.76 लाख रुपये से 19 प्रतिशत बढ़कर 6.84 लाख रुपये हो गई।
 इसी अवधि के दौरान गैर-वेतन भोगी व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 1.95 करोड़ से 19 प्रतिशत बढ़कर 2.33 करोड़ के आंकड़े को छू गई।
 घोषित औसत गैर-वेतन आमदनी भी कर निर्धारण वर्ष 2014-15 के 4.11 लाख रुपये से 27 प्रतिशत बढ़कर कर निर्धारण,वर्ष 2017-18 में 5.23 लाख रुपये हो गई है।

प्रश्नोत्तर

प्रश्न-हाल ही में जारी CBDT के प्रत्यक्ष कर के आंकड़ों के पिछले चार वित्त वर्षों के दौरान दाखिल किए गए आयकर रिटर्न
की संख्या में कितने प्रतिशत की वृद्धि हुई है?
(a) 80 प्रतिशत से अधिक
(b) 70 प्रतिशत से अधिक
(c) 60 प्रतिशत से अधिक
(d) 50 प्रतिशत

उत्तर-(a)
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