गोल्ड बॉन्ड की बिक्री बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, मनोनीत डाकघरों एवं मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज एवं बीएसई लिमिटेड के जरिए की जाएगी. योजना का पहला चरण निवेश के लिए 15 अक्टूबर को खुलेगा और 19 अक्टूबर को बंद हो जाएगा. तो वहीं बॉन्ड 23 अक्टूबर को जारी किया जाएगा.
स्वर्ण बॉन्ड योजना
• इस योजना के तहत कम से कम एक ग्राम सोना और अधिक से अधिक पाँच सौ ग्राम सोने के वज़न के मूल्य के
बराबर बॉन्ड खरीदे जा सकते हैं.
• इसकी अवधि आठ वर्ष है. इसमें ब्याज की दर 2.5 प्रतिशत है.
• एक वित्तीय वर्ष में व्यक्तियों और एचयूएफ के मामले में एक ग्राहक को अधिकतम चार किलोग्राम निवेश की अनुमति दी जाती है.
• ट्रस्ट और वित्तीय वर्ष के समान इकाइयों के मामले में निवेश की ऊपरी सीमा 20 किलोग्राम है.
• सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड निवेश पर ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के तहत कर योग्य है. हालांकि, किसी व्यक्ति को एसजीबी (SGB) के रिडेम्प्शन पर उत्पन्न पूंजीगत लाभ कर छूट दी गई है.
पृष्ठभूमि
इस योजना की शुरुआत नवंबर 2015 में हुई थी. इसका उद्देश्य भौतिक रुप से सोने की मांग में कमी लाना एवं सोने की खरीद में उपयोग होने घरेलू बचत का इस्तेमाल वित्तीय बचत में करना है. घर में सोना खरीद कर रखने की बजाय अगर आप सॉवरेन गोल्डल बॉन्ड में निवेश करते हैं, तो आप टैक्स भी बचा सकते हैं.
प्रश्न- हाल ही केंद्र सरकार द्वारा “स्वर्ण बॉन्ड योजना” जारी की गई इसकी शुरुआत कब हुई थी ?
(a) नवंबर 2015
(b) नवंबर 2016
(c) नवंबर 2017
(d) नवंबर 2018
(e) इनमे से कोई नही
उत्तर-(a)
प्रश्न- “स्वर्ण बॉन्ड योजना” के तहत एक वित्तीय वर्ष में व्यक्तियों और एचयूएफ के मामले में एक ग्राहक को अधिकतम कितने किलोग्राम तक निवेश कर सकता हैं ?
(a) एक किलोग्राम
(b) दो किलोग्राम
(c) तीन किलोग्राम
(d) चार किलोग्राम
(e) अनलिमिटेड
उत्तर-(d)
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