आईबीबीआई ने भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन नियमन, 2018 अधिसूचित किए

 
विवरण: 

भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) द्वारा 22 अक्टूबर 2018 को दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड नियमन, 2018 अधिसूचित किये गये हैं. जारी किए गए नियमन 22 अक्टूबर 2018 से ही प्रभावी हो चुके हैं.

संहिता के तहत विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए अधीनस्थ कानूनों के महत्व को ध्यान में रखते हुए यह आवश्यक है कि आईबीबीआई में एक सुव्यवस्थित एवं सुदृढ़ व्यवस्था हो जिसमें नियम-कायदे बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ कारगर संवाद करना भी शामिल है.

मुख्य बिंदु

• इस अवधारणा और वैधानिक आवश्यकता के अनुरूप आईबीबीआई ने भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (नियम जारी करने के लिए प्रक्रिया) नियमन, 2018 अधिसूचित किए हैं, ताकि नियम-कायदे बनाने और आम जनता से सुझाव मांगने की प्रक्रिया का संचालन किया जा सके.
• संहिता की धारा 196 (1) के तहत आईबीबीआई के लिए यह आवश्य्क है कि वह नियमन की अधिसूचना से पहले नियम-कायदे जारी करने के लिए आवश्यक व्यवस्था को निर्दिष्ट करे, जिसमें सार्वजनिक परामर्श प्रक्रियाओं का संचालन करना भी शामिल है.
• दिवाला एवं दिवालियापन संहिता, 2016 एक आधुनिक आर्थिक कानून है. इस संहिता की धारा 240 के तहत भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (आईबीबीआई) को नियमन बनाने का अधिकार दिया गया है.
• इसके तहत इन शर्तों का पालन करना होगा : (क) संहिता के प्रावधानों का कार्यान्वयन करना होगा, (ख) ये संहिता और इसके अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुरूप होंगे, (ग) इन्हें सरकारी राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के जरिए बनाना होगा. इन्हें जल्द से जल्द संसद के हर सदन में 30 दिनों के लिए प्रस्तुत करना होगा.

नियमन जारी करने की प्रक्रिया

आईबीबीआई आम जनता से सुझाव आमंत्रित करने के लिए उन्हें कम से कम 21 दिन का समय देगा. यह आम जनता से प्राप्त सुझावों पर गौर करेगा और इन सुझावों पर अपनी सामान्य प्रक्रिया के साथ उन्हें अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा. नियम-कायदों की अधिसूचना जारी करने की तिथि से पहले ही यह काम आईबीबीआई को पूरा करना होगा. यदि संचालन बोर्ड प्रस्तावित नियमनों के बिल्कुल विपरीत रूप में इन्हें मंजूरी देने का निर्णय लेता है, तो उसे नियमन जारी करने से जुड़ी पूरी प्रक्रिया दोहरानी होगी. संचालन बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद इन नियमनों को तुरंत अधिसूचित करना होगा और आम तौर पर अधिसूचना जारी होने की तिथि के 30 दिनों के बाद उन्हें लागू किया जायेगा, बशर्ते कि इनके कार्यान्वयन के लिए अलग से कोई तिथि निर्दिष्ट न की गई हो.
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