ध्यातव्य है कि सरकार द्वारा कारोबारी माहौल में में सुधार करने और एफडीआई नीतियों को उदार बनाने के चलते यह वृद्धि हासिल की गई है। पिछले वित्त वर्ष (2016-17) में देश ने 60 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आकर्षित किया था। मौजूदा केंद्र सरकार (2014-18) के चार वर्षों के दौरान विदेशी पूंजी निवेश उछलकर 222.75 अरब डॉलर रहा। यह इससे पिछले (2010-14) के चार वर्षों के दौरान 152 अरब डॉलर रहा था।
वर्ष 2017-18 में अत्यधिक विदेशी निवेश प्राप्तकर्ता क्षेत्रों में सेवा, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, दूरसंचार, निर्माण ट्रेडिंग और वाहन शामिल हैं।
भारत में विदेशी निवेश के प्रमुख स्रोतों में मॉरीशस, सिंगापुर, जापान, नीदरलैंड्स, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात हैं।
DIPP की उद्घोषण के विपरीत संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एफडीआई वर्ष 2016 के 44 अरब डॉलर की तुलना में 2017 में घटकर 40 अरब डॉलर रह गया। जबकि इस दौरान भारत से दूसरे देशों में होने वाला विदेशी निवेश दोगुने से भी अधिक रहा।
प्रश्न - औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DIPP) के अनुसार, 2017-18 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़कर कितना हो गया है ?
(a) 70.63 बिलियन डॉलर
(b) 65.96 बिलियन डॉलर
(c) 68.25 बिलियन डॉलर
(d) 61.96 बिलियन डॉलर
उत्तर-(d)
प्रश्न- भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मामलें में सबसे बड़ा निवेशकर्ता देश है-
(a) अमेरिका
(b) सिंगापुर
(c) मॉरीशस
(d) संयुक्त अरब अमीरात
उत्तर-(c)
EmoticonEmoticon