भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018


  •  19 जुलाई, 2018 को लोकसभा में तथा 25 जुलाई, 2018 को राज्य सभा में भी भगोड़ा आर्थिक  अपराधी विधेयक, 2018 पास हो गया।
  •  इस विधेयक का उद्देश्य आर्थिक अपराध करके भारत की न्यायिक प्रक्रिया से बचने हेतु विदेशों में शरणलेने की प्रवृत्ति पर रोक लगाना है।
  • इस विधेयक में ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ ऐसे व्यक्ति को माना गया है जिसके विरूद्ध किसी भारतीय न्यायालय ने अभियोग का सामना करने के लिए वारंट जारी किया हो, लेकिन अभियुक्त मुकदमे से बचने के लिए देश छोड़ दिया हो या अभियोग का समना करने से बचने के लिए देश लौटने से इंकार कर रहा हो।
  • इस विधेयक में आर्थिक अपराध का दायरा 100 करोड़ या उसे अधिक के आर्थिक अपराध तक है।
  • केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त सक्षम प्राधिकरी द्वारा दिये गये आवेदन के आधार पर विशेष न्यायालय किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी’ घोषित करेगा।
  • भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित व्यक्ति की देश या विदेश में स्थित संपत्तियां जब्त की जा सकेंगी।
  •  भारत में विगत कुछ वर्षों में भगोड़ा आर्थिक अपराध में वृद्धि हुयी है। विजय माल्या, नीख मोदी, दीपकतलवार आदि कुछ उल्लेखनीय नाम है जिन्हें भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है।

प्रश्नोत्तर:
प्रश्न-भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक 2018 के अनुसार न्यूनतम कितने करोड़ रुपये तक के आर्थिक अपराध
शामिल है?
(a) 50 करोड़
(b) 500 करोड़
(c) 100 करोड़
(d) 1000 करोड़
उत्तर-(c)
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