
इस परियोजना का उद्देश्य घरों में बैठे छात्रों के कौशल को बढ़ाना है। इस परियोजना की प्रेणना सर आइजैक न्यूटन से ली गई है, जिन्हें 1665 में लंदन में फैले प्लेग के कारण ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज द्वारा घर भेजा दिया गया था।
उसी वर्ष करीब 22 वर्ष के रहे न्यूटन ने कॉलेज छात्र के रूप में अपने कुछ सबसे चर्चित सिद्धांतों की खोज की थी, जिनमे प्रकाशिकी और गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत शामिल है।
इस परियोजना के अंतर्गत IIT, गांधीनगर द्वारा चार अलग-अलग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, ताकि छात्रों में लेखन, पेंटिंग, कोडिंग, संगीत, रचनात्मक अभिव्यक्ति आदि के बारे में नए कौशल विकसित किए जा सकें। छात्र इस प्रतियोगिताओं में ऑनलाइन भाग ले सकते हैं।
IITGN के लगभग 40 प्रतिशत छात्र पहले से ही विभिन्न गतिविधियों में भाग ले रहे हैं, जो पूरी तरह से स्वैच्छिक हैं।
आईआईटी-गांधीनगर के निदेशक: प्रो सुधीर जैन.
आईआईटी-गांधीनगर की स्थापना: 2008.
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