रेलवे सौर मिशन के तहत, लगभग 1000 मेगावाट सौर ऊर्जा में से 200 मेगावाट ऊर्जा तकनीकी-व्यावसायिक मूल्यांकन पर आधारित पवन ऊर्जा से प्राप्त करने पर विचार कर रहा है।
इस ऊर्जा में से लगभग 204.82 मेगावाट (101.42 मेगावाट सौर और 103.4 मेगावाट पवन ऊर्जा) के लिए पहले से ही नेटवर्क पर स्थापित किया जा चुका है।
इस ऊर्जा में से लगभग 204.82 मेगावाट (101.42 मेगावाट सौर और 103.4 मेगावाट पवन ऊर्जा) के लिए पहले से ही नेटवर्क पर स्थापित किया जा चुका है।
सौर और पवन ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं, जिसका उपयोग भारतीय रेलवे के नेटवर्क में किया जा रहा है।
रेलवे नेटवर्क के बचे हुए ब्रॉड गेज मार्गों के विद्युतीकरण की योजना निम्नानुसार होगी:
वर्ष 2019-20.20 में, 6,000 किमी ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 2020-2021 में, 6,000 किमी ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
रेलवे नेटवर्क के बचे हुए ब्रॉड गेज मार्गों के विद्युतीकरण की योजना निम्नानुसार होगी:
वर्ष 2019-20.20 में, 6,000 किमी ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 2020-2021 में, 6,000 किमी ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 2021-2022 में, 6,000 किमी ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 2022-2023 में 6,5000 किमी के ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 2023-2024 (दिसंबर 2023 के महीने तक) में, 4,310 किलोमीटर ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के मंत्री: पीयूष गोयल.
वर्ष 2022-2023 में 6,5000 किमी के ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 2023-2024 (दिसंबर 2023 के महीने तक) में, 4,310 किलोमीटर ब्रॉड गेज मार्ग के विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा गया है।
केंद्रीय रेल मंत्रालय के मंत्री: पीयूष गोयल.
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