इसका इस्तेमाल विशेष रूप से छोटे उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिए किया जायेगा। इसका निर्माण 2300 एकड़ क्षेत्र में किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 2022 तक अंतरिक्ष में भारत के पहले मानवयुक्त अभियान--गगनयान के प्रक्षेपण की दिशा में अंतरिक्ष यात्रियों के चयन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है ।
इसरो अध्यक्ष ने यह भी बताया की कि सरकार ने चन्द्रमा पर भेजे जाने वाले चंद्रयान-3 अभियान को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें लैंडर और रोवर लगा होगा।
इसरो के अध्यक्ष: के.एस. सिवन; मुख्यालय: बेंगलुरु; स्थापित: 1969
इसरो अध्यक्ष ने यह भी बताया की कि सरकार ने चन्द्रमा पर भेजे जाने वाले चंद्रयान-3 अभियान को भी मंजूरी दे दी है, जिसमें लैंडर और रोवर लगा होगा।
इसरो के अध्यक्ष: के.एस. सिवन; मुख्यालय: बेंगलुरु; स्थापित: 1969
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