वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने 2019 वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक जारी किया है। रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं हैं:

भारत का एमआईपी मूल्य 2005-06 में 0.283 से घटकर 2015-16 में 0.123 हो गया था।भारत में 2006 से 2016 के बीच 271 मिलियन लोग गरीबी से बाहर हुए हैं, जो बहुआयामी गरीबी सूचकांक में सबसे तेज़ी से आयी कमी  
भारत और कंबोडिया ने अपने एमपीआई मूल्यों को 10 चुनिंदा देशों में से सबसे तेजी से कम करने वाले देश हैं, जिनमें समय के साथ होने वाले परिवर्तनों का विश्लेषण किया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार भारत को होने वाले लाभ:*पोषण से वंचित 2005-06 में 44.3% से 2015-16 में 21.2% तक की कमी।

*बाल मृत्यु दर 4.5% से घटकर 2.2% हो गई।

*ईंधन से खाना पकाने से वंचित लोग 52.9% से घटकर 26.2% हो गए।

*स्वच्छता में कमी 50.4% से 24.6% तक हुई।

*पीने के पानी से वंचित लोग 16.6% से 6.2% तक कम हो गए।

यूएनडीपी के ऐडमिनिस्ट्रेटर: अचिम स्टेनर।
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