"सूडान में 30 साल के शासन का अंत, आपातकाल लागू" ! |
अफ्रीकी देश सूडान के राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर का 30 साल का लंबा शासन 11 अप्रैल 2019 को समाप्त हो गया सेना ने राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को 30 सालों के शासन के बाद इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया |
सूडान के रक्षा मंत्री अहमद अवद इब्न औफ के अनुसार, सेना ने राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को गिरफ्तार कर लिया है इस पर सुडान के रक्षा मंत्री ने सरकारी टीवी पर अपने संदेश में कहा कि, अगले तीन महीने तक देश में आपातकाल लागू किया जा रहा है |
वर्ष 1989 से सूडान की सत्ता संभाल रहे बशीर के खिलाफ कई महीनों से प्रदर्शन जारी था सूडान सरकार द्वारा ब्रेड की कीमत तीन गुणा करने के बाद दिसंबर से यह प्रदर्शन शुरू हुए थे सूडान के लोग महंगाई से जूझ रहे है |
इस बीच प्रदर्शनों को संगठित करने वाले प्रमुख गुट ने तख़्तापलट के बावजूद 11 अप्रैल 2019 को प्रदर्शन जारी रखने का आह्वान किया है ओमर अल-बशीर पर नागरिकों के कई नरसंहार कराने का आरोप है इसके अतिरिक्त उन पर सूडान के पश्चिमी इलाके दारफ़ुर में युद्ध अपराध को संगठित करने और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप हैं |
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी उनके खिलाफ मामला चल रहा है उनके नेतृत्व में बीते कई सालों से संघर्षों से जूझ रहे सूडान की अर्थव्यवस्था भी बदहाल हो चुकी थी रक्षा मंत्री अवाद मुहम्मद अहमद इब्न अऊफ ने कहा कि सेना दो साल तक सत्ता संभालकर देश में ध्वस्त पड़ी व्यवस्था को बहाल करेगी. इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव होगा चुनाव होने तक सैन्य परिषद देश की सत्ता संभालेगी.
वर्ष 1989 से सूडान की सत्ता संभाल रहे बशीर के खिलाफ कई महीनों से प्रदर्शन जारी था सूडान सरकार द्वारा ब्रेड की कीमत तीन गुणा करने के बाद दिसंबर से यह प्रदर्शन शुरू हुए थे सूडान के लोग महंगाई से जूझ रहे है |
इस बीच प्रदर्शनों को संगठित करने वाले प्रमुख गुट ने तख़्तापलट के बावजूद 11 अप्रैल 2019 को प्रदर्शन जारी रखने का आह्वान किया है ओमर अल-बशीर पर नागरिकों के कई नरसंहार कराने का आरोप है इसके अतिरिक्त उन पर सूडान के पश्चिमी इलाके दारफ़ुर में युद्ध अपराध को संगठित करने और मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप हैं |
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी उनके खिलाफ मामला चल रहा है उनके नेतृत्व में बीते कई सालों से संघर्षों से जूझ रहे सूडान की अर्थव्यवस्था भी बदहाल हो चुकी थी रक्षा मंत्री अवाद मुहम्मद अहमद इब्न अऊफ ने कहा कि सेना दो साल तक सत्ता संभालकर देश में ध्वस्त पड़ी व्यवस्था को बहाल करेगी. इसके बाद राष्ट्रपति चुनाव होगा चुनाव होने तक सैन्य परिषद देश की सत्ता संभालेगी.
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