विवरण:
सितंबर, 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए ‘आंतरिक लोकपाल योजना, 2018’ की शुरुआत की है।
योजनांतर्गत भारत में 10 से अधिक बैंकिंग आउटलेट वाले बैंकों को अपने बैंकों में आंतरिक लोकपाल नियुक्त करना होगा।
आंतरिक लोकपाल बैंकों की सेवा में कमी के फलस्वरूप उत्पन्न उन शिकायतों की जांच करेगा, जिन्हें बैंक द्वारा आंशिक रूप से या पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया गया है।
शिकायतकर्ता को अंतिम निर्णय सूचित करने से पहले बैंक द्वारा सभी शिकायतों को पूर्णतया निवारण के लिए आंतरिक लोकपाल के पास भेजा जाएगा।
आंतरिक लोकपाल योजना, 2018 के कार्यान्वयन की निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक की विनियामकीय निगरानी के अतिरिक्त बैंक के आंतरिक लेखापरीक्षा तंत्र द्वारा भी की जाएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण के भाग के रूप में इस योजना को आंतरिक लोकपाल तंत्र के कार्य संचालन पर निगरानी प्रणाली को मजबूत बनाने और आंतरिक लोकपाल की स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए शुरू किया है।
यह योजना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 के तहत शुरू की गई है।
योजना में आंतरिक लोकपाल की नियुक्ति/कार्यकाल, भूमिका एवं उत्तरदायित्व प्रक्रियात्मक दिशा-निर्देश और निगरानी को शामिल किया गया है।
ध्यातव्य है कि मई, 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी एवं विदेशी बैंकों को आंशिक या पूर्णतया अस्वीकृत शिकायतों की समीक्षा करने के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकारी के रूप में आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का परामर्श दिया था।
आंतरिक लोकपाल तंत्र की स्थापना बैंकों की आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के लिए की गई थी।
साथ ही ग्राहकों की शिकायतों को बैंक स्तर पर ही बैंक के शिकायत निवारण तंत्र के उच्चतम स्तर पर स्थापित प्राधिकरण द्वारा निपटाया जा सके।
प्रश्नोत्तर:
प्रश्न-हाल ही में किसके द्वारा ‘आंतरिक लोकपाल योजना, 2018’ शुरू की गई है?
(a) भारतीय रिजर्व बैंक
(b) केंद्रीय वित्त मंत्रालय
(c) नीति आयोग
(d) रक्षा मंत्रालय
उत्तर-(a)
सितंबर, 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के लिए ‘आंतरिक लोकपाल योजना, 2018’ की शुरुआत की है।
योजनांतर्गत भारत में 10 से अधिक बैंकिंग आउटलेट वाले बैंकों को अपने बैंकों में आंतरिक लोकपाल नियुक्त करना होगा।
आंतरिक लोकपाल बैंकों की सेवा में कमी के फलस्वरूप उत्पन्न उन शिकायतों की जांच करेगा, जिन्हें बैंक द्वारा आंशिक रूप से या पूरी तरह से अस्वीकार कर दिया गया है।
शिकायतकर्ता को अंतिम निर्णय सूचित करने से पहले बैंक द्वारा सभी शिकायतों को पूर्णतया निवारण के लिए आंतरिक लोकपाल के पास भेजा जाएगा।
आंतरिक लोकपाल योजना, 2018 के कार्यान्वयन की निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक की विनियामकीय निगरानी के अतिरिक्त बैंक के आंतरिक लेखापरीक्षा तंत्र द्वारा भी की जाएगी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण के भाग के रूप में इस योजना को आंतरिक लोकपाल तंत्र के कार्य संचालन पर निगरानी प्रणाली को मजबूत बनाने और आंतरिक लोकपाल की स्वतंत्रता बढ़ाने के लिए शुरू किया है।
यह योजना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35 के तहत शुरू की गई है।
योजना में आंतरिक लोकपाल की नियुक्ति/कार्यकाल, भूमिका एवं उत्तरदायित्व प्रक्रियात्मक दिशा-निर्देश और निगरानी को शामिल किया गया है।
ध्यातव्य है कि मई, 2015 में भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चुनिंदा निजी एवं विदेशी बैंकों को आंशिक या पूर्णतया अस्वीकृत शिकायतों की समीक्षा करने के लिए एक स्वतंत्र प्राधिकारी के रूप में आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का परामर्श दिया था।
आंतरिक लोकपाल तंत्र की स्थापना बैंकों की आंतरिक शिकायत निवारण प्रणाली को मजबूत करने के लिए की गई थी।
साथ ही ग्राहकों की शिकायतों को बैंक स्तर पर ही बैंक के शिकायत निवारण तंत्र के उच्चतम स्तर पर स्थापित प्राधिकरण द्वारा निपटाया जा सके।
प्रश्नोत्तर:
प्रश्न-हाल ही में किसके द्वारा ‘आंतरिक लोकपाल योजना, 2018’ शुरू की गई है?
(a) भारतीय रिजर्व बैंक
(b) केंद्रीय वित्त मंत्रालय
(c) नीति आयोग
(d) रक्षा मंत्रालय
उत्तर-(a)
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