मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2018


  •  10 अगस्त, 2018 को लोक सभा द्वारा ‘मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2018’ पारित किया गया।
  • यह विधेयक 18 जुलाई, 2018 को विधि और न्याय राज्य मंत्री पी.पी. चौधरी द्वारा लोक सभा में पेश किया गया था।
  •  इस विधेयक द्वारा ‘मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996’ में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव है।
  •  विधेयक में एक स्वतंत्र निकाय ‘भारतीय मध्यस्थता परिषद’ (ACI) की स्थापना का प्रावधान किया गया है। जो मध्यस्थता, बीचबचाव, सुलह और अन्य वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र को प्रोत्साहन देगा।
  •  परिषद के कार्यों में शामिल हैं (i) मध्यस्थों को मान्यता देने एवं मध्यस्थ संस्थानों के श्रेणीकरण हेतु नीतियां तैयार करना, (ii) सभी वैकल्पिक विवाद निवारण मामलों हेतु समान पेशेवर मानकों की स्थापना, संचालन तथा रख-रखाव के लिए नीतियां बनाना और (iii) भारत एवं विदेश में किए गए मध्यस्थ निर्णयों के लिए एक निक्षेपागार बनाए रखना।
  •  परिषद का अध्यक्ष उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश अथवा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या न्यायाधीश अथवा मध्यस्थता प्रक्रिया का ज्ञान रखने वाला प्रसिद्ध व्यक्ति होगा।
  •  परिषद के अन्य सदस्यों में एक प्रतिष्ठित मध्यस्थता पेशेवर, मध्यस्थता में अनुभव वाला एक शिक्षाविद और सरकार द्वारा नियुक्त सदस्य शामिल होंगे।
  •  विधेयक के अनुसार उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय द्वारा मध्यस्थ संस्थानों को नामित किया जाएगा जिससे पक्षकार मध्यस्थों की नियुक्ति के लिए संपर्क कर सकते हैं।
  •  अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक मध्यस्थता हेतु उच्चतम न्यायालय द्वारा नामित संस्थानों द्वारा मध्यस्थों की नियुक्ति की जाएगी।
  •  घरेलू मध्यस्थता के लिए संबंधित उच्च न्यायालय द्वारा नामित संस्थानों द्वारा मध्यस्थों की नियुक्ति की जाएगी।
  •  विधेयक में अंतरराष्ट्रीय व्यावसायिक मध्यस्थता मामलों के समाधान हेतु समयसीमा को समाप्त कर दिया गया है।
  •  विधेयक में एक मध्यस्थता प्रक्रिया में लिखित दावा और दावे के बचाव को मध्यस्थों की नियुक्ति के 6 माह के भीतर पूरी किए जाने का प्रावधान किया गया है।
  •  विधेयक में मध्यस्थता कार्रवाई के सभी विवरण, कुछ परिस्थितियों में मध्यस्थ निर्णय विवरण को छोड़कर, गोपनीय रखे जाने का प्रावधान किया गया है।
प्रश्नोत्तर:
प्रश्न-मध्यस्थता और सुलह (संशोधन) विधेयक, 2018 से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
(i) विधेयक में एक स्वतंत्र निकाय भारतीय मध्यस्थता परिषद की स्थापना का प्रावधान किया गया है।
(ii) परिषद का अध्यक्ष केंद्रीय विधि एवं न्यायमंत्री होगा।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल (i)
(b) केवल (ii)
(c) (i) एवं (ii) दोनों
(d) (i) एवं (ii) दोनों ही नहीं
उत्तर-(a)
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