केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित भारतीय उच्च शिक्षा आयोग विश्वविद्यालय अनुदान आयोग निरसन अधिनियम विधेयक, 2018 के प्रारूप को मंजूरी

27 जून, 2018 को केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय में प्रस्तावित भारतीय उच्च शिक्षा आयोग
(विश्वविद्यालय अनुदान आयोग निरसन अधिनियम) विधेयक, 2018 के प्रारूप को मंजूरी दी।
जिसका उद्देश्य यूजीसी अधिनियम को निरस्त करना और भारतीय उच्च शिक्षा आयोग की स्थापना करना है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 7 जुलाई, 2018 सायं 5 बजे तक शिक्षाविदों, हितधारकों
और सामान्य जनों से इस अधिनियम के सामान्य जनों से इस अधिनियम के प्रारूप पर टिप्पणियों और सुझाव
देने का आह्वान किया है।
इस प्रस्तावित विधेयक की प्रमुख विशेषताएं निम्न हैं-
(i) अनुदान की व्यवस्था का उत्तरदायित्व अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय का होगा। भारतीय उच्च शिक्षा
आयोग अब केवल अकादमिक विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा।
(ii) आयोग का ध्यान उच्च शिक्षा की गुणवत्ता एवं शैक्षणिक स्तर को सुधारना होगा, यह वास्तव में क्या सीखा
गया है और शिक्षण इत्यादि के लिए मानक तैयार करेगा।
(iii) यह उन संस्थानों के मार्गदर्शन के लिए व्यवस्था तैयार करेगा जो कि अपेक्षित शैक्षिक स्तर को नहीं बनाए
रख पा रहे होंगे।
(iv) आयोग के पास प्रस्तावित कानून में मौजूद वैधानिक प्रावधानों के जरिए अपने निर्णयों का अनुपालन
सुनिश्चित करने की शक्ति होगी।
(v) आयोग के पास इस बात का अधिकार होगा कि वह शैक्षिक गुणवत्ता से संबंधित नियमों का अनुपालन होने
की स्थिति में शैक्षिक गतिविधियों को आरंभ करने की अनुमति दे सके।
(vi) आयोग के पास इस बात का भी अधिकार होगा कि वह किसी उच्च शिक्षा संस्थान की मान्यता ऐसी
परिस्थितियों में समाप्त कर सके जहां पर नियमों का जानबूझकर या लगातार उल्लंघन किया जा रहा हो।
(vii) आयोग के पास इस बात का भी अधिकार होगा कि वह छात्रों के हितों को प्रभावित किये बिना उन संस्थानों
को बंद करने का आदेश दे सके जो कि न्यूनतम मानकों का पालन करने में असफल रहेंगे।
(viii) आयोग उच्च शिक्षण संस्थानों को इस बात के लिए भी प्रोत्साहित करेगा कि वे शिक्षा, शिक्षण एवं शोध के
क्षेत्र में सर्वोत्तम पद्धतियों का विकास करें।
(xi) विधेयक में दंडित करने के प्रावधान भी होंगे, जो कि चरणबद्ध तरीके से काम करेंगे, इनमें उपाधि या प्रमाण-
पत्र जारी करने के अधिकार को वापस लेना, शैक्षिक गतिविधियों को रोकने का आदेश और ऐसे मामलों में जहां
पर जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसे मामलों में भारतीय दंड संहिता की ऐसी धाराओं के
तहत मुकदमा चलाने का अधिकार जिसमें अधिकतम 3 वर्षों के कारावास की सजा हो सकती है।
(x) अन्य नियामक संस्थाओं, मुख्य रूप से एआईसीटीई और एनसीटीई के प्रमुख भी आयोग में शामिल होंगे।
(xi) देश में मानकों के निर्धारण और उनमें समन्वय के लिए आयोग को सलाह देने के लिए एक सलाहकार
समिति होगी। इसमें राज्यों की उच्च शिक्षा परिषदों के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष शामिल होंगे और इसकी अध्यक्षता
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री द्वारा की जाएगी।

प्रश्नोत्तर:
प्रश्न-हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग
निरसन अधिनियम) विधेयक, 2018 के प्रारूप को मंजूरी दी। इससे संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
(i) 27 जून, 2018 को केंद्र सरकार ने भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग निरसन
अधिनियम) विधेयक, 2018 के प्रारूप को मंजूरी दी।
(ii) अन्य नियामक संस्थाओं, मुख्य रूप से एआईसीटीई और एनसीटीई के प्रमुख भी आयोग में शामिल होंगे।
(iii) प्रस्तावित विधेयक में दंडित करने के भी प्रावधान होंगे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही हैं-
(a) केवल 1
(b) केवल (ii) एवं (iii)
(c) केवल (ii)
(d) उपर्युक्त सभी
उत्तर-(b)
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