स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने EC से क्‍वारंटीन लोगों की पहचान के लिए न मिटने वाली स्‍याही के इस्तेमाल की ली मंजूरी

 
निर्वाचन आयोग ने कोविड-19 के फैलाव को देखते हुए स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारियों को घर पर क्‍वारंटीन कर रहे लोगों की पहचान करने के लिए न मिटने वाली स्‍याही का इस्‍तेमाल करने की इजाजत दे दी है।

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय को इसके लिए लगाए जाने वाले चिन्‍ह के मानकीकरण करने और इसे शरीर पर किस स्‍थान पर लगाया जाना है इस बारे में विचार करना चाहिए ताकि चुनाव के समय इसकी वजह से किसी तरह की बाधा उत्‍पन्‍न न हो।

साथ ही अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया जाएगा कि इस स्याही का इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिए न किया जाए।


ECI के महत्वपूर्ण निर्देश:
इससे संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जा रहा है कि किसी भी व्यक्ति की बाईं ओर उंगली पर इस स्याही का उपयोग न किया जाए.


चुनावों के दौरान उपयोग की जाने वाली स्याही, जो कि केवल EC के लिए मैसूर स्थित कंपनी द्वारा बनाई गई थी, अब सभी राज्यों को उपलब्ध कराई जाएगी.
इस स्याही का निशान एक महीने तक लगा रहता है.

राज्यों की मांग को ध्यान में रखते हुए सार्वजनिक रूप से दिलचस्पी ली गई है, जिसमे क्‍वारंटीन व्यक्तियों के पहचान के लिए न मिटने वाली स्याही के इस्तेमाल करने के लिए कहा गया था.
चुनाव प्रक्रिया की स्वच्छ बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने सुरक्षा उपाय सुझाए हैं.

चुनाव आयोग की अनुमति के बिना इस स्याही का उपयोग नहीं किया जा सकता है, क्योंकि यह "स्वामित्व वाली वस्तु" है.

महाराष्ट्र ने मामलों की संख्या बढ़ने के बाद पहले से ही राज्य के अन्दर आने वाले 100% क्‍वारंटीन पर निशान लगाना शुरू कर दिया है.

आइसोलेशन की तारीख के साथ स्याही से बाईं हथेली पर निशान लगाया जा रहा जो 14 दिनों तक चल लगा रहेगा.
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