इस दिन को उन लोगों को सम्मानित करने और याद करने के लिए मनाया जाता है जो क्रूर गुलामी व्यवस्थाओं के चलते प्रता
रे में जागरूकता बढ़ाना है।
वर्ष 2020 की थीम है: “Confronting Slavery’s Legacy of Racism Together”
संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण ने 2007 में प्रति वर्ष 25 मार्च को गुलामी का शिकार हुए लोगों और खरीदे या बेचे गए गुलाम पीड़ितों की याद में इस दिन मनाए जाने की घोषणा की थी।
यह दिन उन लोगों की स्मृति में मनाया जाता है जिनकी ट्रांसलेटैटिक स्लेव ट्रेड के परिणामस्वरूप प्रताड़ित किए गए या जिनकी मृत्यु को हो गई थी, जिसे "इतिहास में मानव अधिकारों का सबसे काला दिन" कहा गया है, जिसमें 400 से अधिक 15 मिलियन से अधिक पुरुष, महिलाएं और बच्चे पीड़ित थे।
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