एचएएल द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया, LCH 5.5-टन के वजन वाला एक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। इसमें दो शक्ति इंजन लगाए गए है और उन्नत हल्के हेलीकाप्टर की कई तकनीकी विशेषताओं से लैस है।
एलसीएच सियाचिन के फॉरवर्डिंग बेसों तक जाने में सक्षम है व 4,700 मीटर की उंचाई तक अपने साथ 500 किलोग्राम वजन ले जाने में भी सक्षम है।
भारत ने 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्वदेशी रूप से सैन्य उपकरणों के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। रक्षा उद्योग देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
भारत ने 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्वदेशी रूप से सैन्य उपकरणों के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। रक्षा उद्योग देश के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।
रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (Defence Public Sector Undertaking) का भारत को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने में छह स्थान की छलांग लगाने में बहुत योगदान रहा है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड स्थापना: 1940 (हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट के नाम से) और 1964 (नाम बदला).
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड मुख्यालय: बैंगलोर, कर्नाटक.
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: आर माधवन..
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड स्थापना: 1940 (हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट के नाम से) और 1964 (नाम बदला).
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड मुख्यालय: बैंगलोर, कर्नाटक.
एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक: आर माधवन..
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